इस प्रकार के सर्वेक्षण को पट्ट सर्वेक्षण कहते हैं।
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इस प्रकार के सर्वेक्षण को पट्ट सर्वेक्षण कहते हैं।
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इन कारणों से पट्ट सर्वेक्षण के भी कई वर्ग बन गए हैं:
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इन कारणों से पट्ट सर्वेक्षण के भी कई वर्ग बन गए हैं:
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इसके बाद ऐसे प्रदेश के छोटे-छोटे भूभागों का पट्ट सर्वेक्षण करने के लिए भूगणितीय सर्वेक्षण से स्थापित नियंत्रण बिंदु काम में आते हैं।
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यदि भूगणितीय सर्वेक्षण से प्राप्त नियंत्रण बिंदु पट्ट सर्वेक्षण के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं, तो सर्वेक्षक स्थानीय आवश्यकता की पूर्ति के लिए भूगणितीय नियंत्रण बिंदुओं पर आधारित एक छोटा सा त्रिभुजन कर लेता है, जिससे पर्याप्त नियंत्रण बिंदु मिल जाते हैं।